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कार्लसन बने लगातार तीसरी बार विश्व विजेता

02/12/2016 -

नाम मेगनस कार्लसन ,उम्र 26 वर्ष दुनिया भर में चाहने वाले और खिताब है शतरंज में लगातार तीसरी बार के विश्व विजेता ।पहले बारह मुकाबलों में 7 मैच ड्रॉ रहे थे और 8वां मैच कर्जाकिन ने जीत कर बढ़त बना ली थी और ऐसा लग रहा था की कर्जाकिन दुनिया के 17वे विश्व चैम्पियन बन सकते है पर कार्लसन नें शानदार वापसी करते हुए पहले मुक़ाबला बराबर किया और फिर टाई ब्रेक में लगभग एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज की । 2007 के बाद से रूस से दूर है विश्व खिताब ,कर्जाकिन भी वापस रूस नहीं ले जा पाये। 2007 के बाद से आनंद नें तीन बार तो कार्लसन नें तीन बार विश्व खिताब को पहले भारत तो फिर नॉर्वे के खाते में रखा है और इस प्रकार 13 विश्व चैम्पियन देने वाला रूस 10 वर्षो से इस खिताब से दूर है और बहुत नजदीक जाकर बढ़त बनाकर भी कर्जाकिन रूस का यह सपना पूरा नहीं कर सके ।कार्लसन नें भी माना की यह उनके लिए बेहद कठिन मुक़ाबला था दुनिया भर में उनकी शानदार जीत के साथ कर्जाकिन के शानदार खेल की भी लोग प्रशंसा कर रहे है 

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राउंड -12 ड्रॉ ::: मोहरो नें कहा -तू चल मैं आया !

29/11/2016 -

तू चल मैं आया जी हाँ कुछ ऐसा ही नजारा था आज मोहरो का खेल में आज मोहरे लगातार खेल से बाहर होते रहे जिन लोगो को इतने दिनो से समय नहीं मिला था वो सोच रहे थे की आज विश्व शतरंज चैंपियनशिप का फ़ाइनल मैच जरूर देखेंगे और इस महामुकाबले का देर रात तक मजा लेंगे पर आज के जल्द ही ड्रॉ हुए मैच ने उनकी उम्मीद पूरी नहीं होने दी । किसी ने भी नहीं सोचा था की सफ़ेद मोहरो से खेल रहे कार्लसन खुद  इस मैच को ड्रॉ रखते हुए टाई ब्रेक में जाना पसंद करेंगे खुद कर्जाकिन के लिए भी यह चौंकाने वाला कदम रहा । खैर इस बात से यह भी साफ है की 30 नवंबर को अब टाई ब्रेक के साथ खेल अपने नए रोमांच को छूएगा छोटे फॉर्मेट में होने वाले ये मैच हर कोई पूरा देखना चाहेगा ,इतनी लंबी विश्व चैंपियनशिप का सारा निचोड़ जब आपको एक दिन में देखने मिले तो कौन इसका आनंद उठाना नहीं चाहेगा ! 

चैसबेस और हिन्दी का सफर -2

27/11/2016 -

2013 की विश्व चैंपियनशिप के बाद चैसबेस और हिन्दी के लेख अब कभी कभार  इसकी अंतर्राष्ट्रीय वैबसाइट पर आने लगे थे इस दौरान विश्व शतरंज ओलम्पियाड में भारत नें कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाया तो इतिहास में हिन्दी और शतरंज के संबंध दर्शाता मेरा एक लेख प्रकाशित हुआ । फिर एक बार पुनः मौका मिला जब सोच्चि रूस में पुनः विश्व शतरंज चैंपियनशिप आनंद और कार्लसन के मध्य आरंभ हुआ लोग वही थे बस किरदार बदल गए थे । कार्लसन जहां विश्व विजेता थे तो आनंद कैंडिडैट जीतकर अबकी बार चैलेंजर की भूमिका में थे । आनंद भले ही इस बार फिर नहीं जीत पाये थे पर आनंद नें अपने जुझारूपन से दुनिया के हर शतरंज प्रेमी का मन जीत लिया था और सबको ये संदेश दे दिया था चाहे जो हो हमे प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए ! 

राउंड 11- रानी थी बस एक कदम दूर ,पर राजा था मजबूर !

27/11/2016 -

कार्लसन का प्यादा रानी बनने से बस एक कदम दूर था ,पर क्या करे राजा मजबूर था ! एक शानदार मैच और बराबरी पर समाप्त हो गया । सफ़ेद मोहरो से अपनी अंतिम बाजी खेल रहे कर्जाकिन नें आज फिर राय लोपेज पर ही अपना विश्वास दिखाया पर कार्लसन के खेल में पिछली जीत का असर साफ दिख रहा था वो खेलते वक्त आज शांत थे और अच्छी चाले चल रहे थे और अपने प्यादो से उन्होने शानदार खेल दिखाया और थोड़ी बढ़त भी हासिल कर ली , उनका एक प्यादा रानी बनने के लिए उन्होने आगे बढ़ दिया और थोड़ी देर के लिए जीत की उम्मीद भी जगा दी , पर बचाव करने में माहिर कर्जाकिन नें कार्लसन के राजा की कमजोरी को निशाना बनाते हुए कार्लसन को ड्रॉ पर रोक लिया । अब अंतिम और 12वें मैच पर पूरी दुनिया की निगाहे है बस एक जीत विश्व चैम्पियन का ताज दिला सकती है ! कौन होगा विश्व विजेता आज कौन जीतेगा !!

विश्व चैंपियनशिप -कार्लसन की वापसी -हिसाब बराबर

25/11/2016 -

एक चैम्पियन का गिरना उसके तेजी से उठ खड़ा होने के संकेत देता है , भारी  दबाव के बीच अपनी लय तलाशते हुए मौजूदा विश्व चैम्पियन नें अपने हाथ से फिसलते जा रहे अपने ताज को एक बार फिर मजबूती से पकड़ लिया है और अब यह मुक़ाबला ऐसी स्थिति में है जहां से कुछ भी संभव है जो जीतेगा वह सिकंदर कहलाएगा । कार्लसन नें आज कर्जाकिन को एकदम बराबर चल रहे खेल में गलतियाँ करने पर विवश कर दिया  ।कर्जाकिन कार्लसन के धीमें खेल को नहीं समझ सके और कई बार अपने मोहरो या प्यादो को बेहतर करने के मौके का उतना अच्छा इस्तेमाल नहीं कर सके जैसा की कार्लसन कर रहे थे । कार्लसन की जीत नें इस महामुकाबले को नए रोमांच से भर दिया पढे इस लेख में वेसली सो और चेसबेस 14 के विश्लेषण ..

विश्व चैंपियनशिप -रोमांचक ड्रॉ ,कर्जाकिन को बढ़त

24/11/2016 -

न्यू यॉर्क में चल रही विश्व शतरंज चैंपियनशिप का नवां राउंड एक नया रोमांच लेकर आया जैसा की सभी को उम्मीद थी । पिछले राउंड में हारकर पीछे हुए मौजूदा विश्व चैम्पियन मेगनस कार्लसन के लिए निश्चित तौर पर पिछली दो राते थोड़ी मुश्किल रही होंगी और 9वे राउंड में एक समय तो ऐसा लगा की कार्लसन ये मुक़ाबला हार भी सकते है और कर्जाकिन एक अपराजेय बढ़त पर पहुँच सकते है पर किसी तरह कार्लसन  इस हार को टालने में कामयाब रहे । अब सिर्फ तीन राउंड बाकी है अगर तीनों मैच ड्रॉ रहे तो कर्जाकिन अगले विश्व चैम्पियन होंगे ,अगर दो ड्रॉ भी हुए तो मैच टाईब्रेक में जाएगा ,कार्लसन को खिताब जीतने के लिए कम से कम दो मैच जीतने होंगे जो मौजूदा लय में थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है । 

विश्व चैंपियनशिप- सेर्जीकल स्ट्राइक :: कार्लसन हारे

22/11/2016 -

वो हो गया जिसकी किसी नें उम्मीद नहीं की थी रूस के सेरजी कर्जाकिन नें आठवें राउंड में मौजूदा विश्व शतरंज चैम्पियन मेगनस कार्लसन को क्वीन एंड गेम में पराजित करते हुए शतरंज की दुनिया के असली किंग बनने की और कदम बढ़ा दिये है । यह ना सिर्फ विशेषज्ञों को चौंकने वाला है बल्कि ये भी दिखाता है की विश्व शतरंज चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट में कौन ज्यादा बेहतर खिलाड़ी है या रहा है से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है की कौन ज्यादा बेहतर खेल रहा है । न्यू यॉर्क के इतिहास को देखे तो 21 साल पहले आनंद नें 8 ड्रॉ के बाद कास्पारोव को हरा के तहलका मचा दिया था फिर कास्पारोव नें वापसी की थी क्या यहाँ कार्लसन वापसी कर पाएंगे क्यूंकी अब सिर्फ 4 गेम बाकी है !देखना दिलचस्प होगा 

विश्व चैंपियनशिप - क्या इतिहास खुद को दोहराएगा !!

21/11/2016 -

क्या 1995 में जो हुआ था वो एक बार फिर न्यू यॉर्क में दोहराया जा सकता है ! मतलब क्या आज दुनिया लगातार आठवाँ ड्रॉ देखेगी । या फिर दो मैच बाद सफ़ेद मोहरो से खेल रहे कार्लसन आज कुछ अलग रंग ढंग में नजर आएंगे , खैर सातवें राउंड में मुक़ाबला ड्रॉ होना प्रतियोगिता को छोटा बना रहा है और ऐसे में कर्जाकिन का लक्ष्य 6-6 है और वे टाईब्रेक में खेल को ले जाना चाहेंगे , कार्लसन नें भी आज प्रेस से बात करते हुए कहा की अगर आज मैच बराबरी पर छूटा  तो वो उस चुनौती को भी स्वीकारने तैयार है । सातवें राउंड में मैच में कर्जाकिन बढ़त होते हुए भी नहीं जीत पाये ,गलत चाल होने के बाद भी शानदार खेल के चलते अपना बचाव करने में सफल रहे 

विश्व शतरंज चैंपियनशिप - राउंड 6- फिर नहीं जीता कोई

19/11/2016 -

छह मैच खत्म हो गए है और परिणाम नहीं आया है पर विश्व शतरंज चैंपियनशिप शुरू होने के पहले और आज की स्थिति में फर्क है कार्लसन के कट्टर समर्थक भी अब ये मानते है की यह आसान नहीं  होने वाला और कर्जाकिन के प्रसंशक तो उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हैं उनकी संभावना पहले से बेहतर हुई है । कर्जाकिन इस मैच को अगर टाई ब्रेक तक ले गए तो वो कार्लसन पर भारी पड़ सकते है वहीं कार्लसन भले ही जीत ना पाएँ हो पर वो मैच जीतने की स्थिति में थे अतः दबाव कर्जाकिन पर भी है ।  छठी बार लगातार विश्व चैम्पियन की बाजी बराबरी पर रही मतलब अगर अगले छह मैच मे जो भी पहले हारा उसके लिए अब वापसी करना बहुत मुश्किल होगा । 21 साल पहले  न्यू यॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की  सबसे ऊंची मंजिल में 1995 में हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुक़ाबले में पहले आठ मैच ड्रॉ हुए थे । और उसके बाद जीत हार का निर्णय आया था । हालांकि वह 24 मैच की सीरीज थी और यहाँ ये 12 मैच की सीरीज है ।

हरिकृष्णा जल्द ही होंगे चैलेंजर -भारत सिंह चौहान

19/11/2016 -

भारत के लिए यह समय शतरंज के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है एक ओर जहां विश्व चैंपियनशिप चल रही है वही भारत के मुख्य नेशनल स्पर्धाओं का दौर भी चालू है । कर्जाकिन -कार्लसन मैच के बीच नेशनल प्रीमियर में हुई प्रतियोगिता में देरी चर्चा का विषय बना हुआ है ।आल इंडिया चैस फेडरेसन के सीईओ भारत सिंह चौहान अभी न्यू यॉर्क में है । चेसबेस इंडिया ने उनसे विश्व चैंपियनशिप से लेकर नेशनल प्रीमियर के उपर उनका और एआईसीएफ़ का क्या कहना है यह जानने की कोशिश की । आखिर कैसे हरिकृष्णा होंगे विश्व चैंपियनशिप के दावेदार ? क्या भारत भी आयोजन करेगा फिर से विश्व शतरंज चैंपियनशिप ? पढे ये भारत सिंह चौहान जी  से हुई बातचीत .. .

विश्व शतरंज चैंपियनशिप -राउंड 5-यह मैच नहीं आसान

18/11/2016 -

एक और ड्रॉ !मतलब कार्लसन और कर्जाकिन विश्व शतरंज चैंपियनशिप के आधे पड़ाव पर आ गए है और अंक के आधार पर दोनों 2.5 अंक लेकर बराबर है । जहां कार्लसन के प्रसंशक अचंभे में है तो कर्जाकिन के खुश ! ऐसा नहीं है की मौजूदा विश्व चैम्पियन को कोई कम करके आंक रहा है दरअसल कर्जाकिन के जीवटता भरे प्रदर्शन ने इस रूसी खिलाड़ी को एक नया आत्मविशास दिया है वो अपने बचाव की क्षमता से कार्लसन समेत पूरी  दुनिया को चौंका रहे है जहां कार्लसन बढ़त बनाने के बाद आसानी से जीत दर्ज करने के आदि रहे है यहाँ उसके उलट कर्जाकिन ना सिर्फ बच के निकल जा रहे है बल्कि आज तो बेहतर स्थिति में आ गए थे । कुल मिलाकर यह मैच नहीं आसान !! 

विश्व शतरंज चैंपियनशिप - राउंड 4- अभेद्य कर्जकिन !!

16/11/2016 - क्या कार्लसन दबाव है ? क्या कार्लसन अपने बेहतरीन लय में नहीं है ?क्या कर्जाकिन वाकई दुनिया के सबसे अच्छे डिफेंस करने वाले खिलाड़ी है ? क्या कर्जाकिन भी अब यह मुक़ाबला जीत सकते है ? ऐसे ना जाने कितने सवाल खड़े कर दिये है राउंड चार के परिणाम नें जहां लोग मैच में अनुमान लगा रहे है की कार्लसन की क्षमता के हिसाब से यह परिणाम अभी तक 3-1 होना चाहिए था पर अभी तो मामला 2-2 पर अटका है । कुछ भी हो यह तो साफ है फिलहाल कर्जाकिन के पास एक मनोवैज्ञानिक बढ़त है और दूसरे नजरिए से देखे तो अब मुक़ाबला सिर्फ 8 मैच का रह गया है और अगले दो राउंड में प्रतियोगिता अपने आधे चरण पर होगी ! खैर हम तो सिर्फ इंतजार ही कर सकते है पढे यह लेख ..

चैम्पियन शोडाउन :: वाह ! आनंद वाह !!

16/11/2016 -

मेरी तरह आप भी शायद भारत के सबसे प्रिय पाँच बार के विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद को विश्व चैंपियनशिप में नहीं पाकर बहुत याद कर रहे होंगे । वो भले पिछले एक दशक में पहली बार विश्व चैंपियनशिप का हिस्सा ना हो पर अभी भी वह खेल के मामले में विश्व के सबसे शीर्ष खिलाड़ियों में से एक है । अमरीका के सेंट लुईस चैस क्लब  इस्कोलास्टिक सेंटर में चल रही चैम्पियन शोडाउन टूर्नामेंट को भारत के इस 47 वर्षीय दिग्गज नें युवा और बेहद प्रतिभाशाली विश्व नंबर 3 फबियानों करूआना , विश्व नंबर 7 हिकारु नाकामुरा को पीछे छोड़ते हुए जीत लिया है । 24 मैच खेलकर भी यह खिताब अपने नाम करने वाले आनंद के लिए कहना ही होगा की  उम्र उनके लिए सिर्फ एक नंबर है आनंद नें अपने तीनों प्रतिद्वंदियों को किसी ना किसी फॉर्मेट में पराजित किया देखे यह पूरी रिपोर्ट आप निश्चित तौर पर  गर्व से भर जाएंगे  और कह उठेंगे ! वाह !! आनंद वाह !!

विश्व शतरंज चैंपियनशिप -राउंड 3 -जीत के करीब थे कार्लसन

16/11/2016 -

एक योद्धा कभी हमला करना , प्रयास करना नहीं छोड़ता भले ही उसके सामने जीत की संभावना नहीं के बराबर हो न्यू यॉर्क अमेरिका में चल रही अगोन फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप में एक दिन के विश्राम के बाद तीसरे राउंड में सफ़ेद मोहरो से खेल रहे मौजूदा विश्व चैम्पियन कार्लसन नें रूस के कर्जाकिन के खिलाफ लगभग बराबर चल रहे मैच में पहले तो शानदार चालें चलते हुए कर्जाकिन पर दबाव बनाते हुए गलतियाँ करने पर विवश कर दिया और एक अतिरिक्त मोहरा मारते हुए बढ़त बना ली और जब ऐसा लगने लगा की शायद अब कार्लसन ये मैच जीत लेंगे उनसे कुछ गलत चाले हुई और परिणाम स्वरूप कर्जाकिन नें जबरजस्त बचाव करते हुए गेम को बराबरी पर रोक लिया । यह देखने के लिहाज से भले एक ओर ड्रॉ नजर आए पर  विश्व चैम्पियन नार्वे के मेगनस कार्लसन का एक मोहरा ज्यादा होते हुए भी मैच का ना जीत पाना कोई साधारण घटना नहीं थी 

पदमिनी का लगातार तीसरे राष्ट्रीय खिताब पर कब्जा

15/11/2016 -

जब आप खराब लय से जूझ रहे हो और आपके परिणाम आपकी अपेक्षा से लगातार उलट आ रहे हो ऐसे समय में ही एक अच्छा खिलाड़ी उम्मीद न छोड़ते हुए जोरदार वापसी करता है । इस बार हमारे सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है भारत की लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय महिला शतरंज विजेता बनी इंटरनेशनल मास्टर पदमिनी राऊत नें । भारत की इस युवा प्रतिभा के लिए पिछले कुछ समय से परिणाम उलट आ रहे थे । पिछले नॉर्वे ओलंपियाड में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पदमिनी इस वर्ष हुए ओलंपियाड में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी थी और चीन में हुई लीग में भी उन्हे काफी रेटिंग का नुकसान उठाना पड़ा था । पर भारत की साहसी बेटी नें पुनः राष्ट्रीय विजेता बनकर सभी के सामने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया , बधाई और शुभकामनाए पदमिनी आप भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन करती रहें !!

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