माधवेन्द्र बने एशियन शतरंज चैम्पियन , मिला फीडे मास्टर का खिताब

by Niklesh Jain - 01/12/2025

मध्यप्रदेश के भोपाल के रहने वाले माधवेन्द्र प्रताप शर्मा नें अपने खेल जीवन की अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल करते हुए थाईलैंड में सम्पन्न हुई एशियन शतरंज चैंपियनशिप में अंडर 12 आयु वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया है । माधवेन्द्र नें कुल 9 राउंड में छह जीत और तीन ड्रॉ के साथ 7.5 अंक बनाते हुए पहला स्थान प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया , इससे पहले कुछ दिनो पूर्व ही मलेशिया में कॉमनवैल्थ शतरंज चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था । एशियन विजेता बनने के साथ ही अब माधवेन्द्र नें फीडे मास्टर का टाइटल अपने नाम कर लिया है और उनकी लाइव रेटिंग 2293 पहुँच गयी है। फीडे मास्टर बनने वाले मध्य प्रदेश के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए है । चेसबेस से बात करते हुए माधवेन्द्र नें बताया की यूरोप जाकर इंटरनेशनल मास्टर बनना उनका लक्ष्य है जिसके लिए उन्हे प्रयोजक की तलाश है । पढे पूरा लेख और देखे भोपाल में उनका कैसा स्वागत हुआ ।

मध्य प्रदेश के माधवेन्द्र बने फीडे मास्टर

उम्र 12 साल और एशियन चैम्पियन का खिताब अपने नाम करते हुए भोपाल , मध्य प्रदेश के माधवेन्द्र शर्मा नें शतरंज की दुनिया का एक और टाइटल फीडे मास्टर अपने नाम कर लिया है । माधवेन्द्र नें थाईलैंड में सम्पन्न हुई एशियन यूथ शतरंज चैंपियनशिप में यह उपलब्धि अपने नाम की , उन्होने इस दौरान 6 जीत और 3 ड्रॉ के परिणाम हासिल किए , क्लासिकल में उन्होने देश के लिए एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि टीम के स्वर्ण में भी अपनी भूमिका निभाई , वहीं रैपिड में टीम को स्वर्ण और व्यक्तिगत कांस्य पदक हासिल किया वहीं ब्लिट्ज़ में टीम को कांस्य पदक दिलाने में अपनी भूमिका निभाई । अंडर 12 वर्ग में भारत के अदविक अमित अग्रवाल रजत पदक जीतकर दूसरे स्थान पर रहे ।

इस दौरान माधवेन्द्र नें अपनी रेटिंग में 12 अंक और जोड़े और लाइव रेटिंग को 2293 टीके पहुंचा दिया है ।

माधवेन्द्र नें इस दौरान पांचवें राउंड में कजकिस्तान के नूराली बोलोकवंद को तो छठे राउंड में ईरान के रामतिन ककवंद पर बेहद महत्वपूर्ण जीत दर्ज की ।

स्पर्धा के पहले टूटा लैपटाप

शतरंज के खिलाड़ियों के लिए आज के दौर में प्रतियोगिताओं के दौरान लैपटाप कितना आवशयक होता है यह हम सभी जानते है और ऐसे में जब माधवेन्द्र का लैपटाप खराब हो गया और उनके पास तैयारी करने के लिए तकनीक का सहारा नहीं बचा था तो यह स्थिति उनके लिए यह स्पर्धा किसी चुनौती से कम नहीं थी पर उन्होने इस परस्थिति मे भी शानदार जीत दर्ज की ।

भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर स्वागत के लिए आए शतरंज प्रेमी

माधवेन्द्र अपने माता पिता के साथ दिल्ली से दक्षिण एक्सप्रेस से सुबह भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पहुंचे

उन्हे लेने के लिए ढ़ोल नगाड़ो के साथ परिवारजन , शतरंज प्रेमी और पारिवारिक दोस्त पहुंचे

इस दौरान उन्हे शतरंज सिखाने वाले माधवेन्द्र के दादा जी भी खुशी से तिरंगा लेकर थिरकते नजर आए

हिन्दी चेसबेस इंडिया से बात चीत करते हुए माधवेन्द्र नें बताया की वह आगे नेशनल जूनियर की तैयारी कर रहे है और आगे इंटरनेशनल मास्टर बनने के लिए यूरोप जाना चाहते है जिसके लिए उन्हे प्रयोजक की जरूरत है । उम्मीद है इस 12 वर्षीय होनहार को समय रहते सहयोग मिलेगा जिससे वह आने वाले समय में ना सिर्फ ग्रांड मास्टर बल्कि विश्व विजेता बनने का अपना सपना साकार करेंगे ।


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@ 01/12/2025 by Niklesh Jain (en)

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