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आनंद -कार्लसन -चैस बेस और हिन्दी का शतरंज सफर -1

by निकलेश जैन - 14/11/2016

25 अक्टूबर 2013 की बात है रात को तकरीबन 2 बज रहे थे । मैंने कुछ उम्मीद के साथ यूं ही चैस बेस की मुख्य वेब पेज को खोला और मेरी खुशी का ठिकाना ही ना रहा पहली बार हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज वैबसाइट में प्रकाशित किया गया था वह मेरे लिए बेहद ही खास लम्हा था  मुझे खुद को अभिव्यक्त करने का कुछ माध्यम मिल गया था , यह शायद वैसी ही खुशी ही जैसे कोई छोटा बच्चा बोलना सीख जाता है मतलब अपनी बात अपने घर वालों से कह सकता है कुछ घंटो  पहले ही मेरे दिमाग में एक विचार आया था क्या हिन्दी में शतरंज के बारे में लेख लिखे जा सकते है और मात्र कुछ ही घंटो में चैस बेस के संस्थापक फ़्रेडरिक फ्रीडेल ने मेरे सपने को सच कर दिया था ! यह एक रोमांचक लम्हा था मेरे जीवन का पढे हिन्दी का ये सफर 

 

दिन -गुरुवार , तारीख- 24 अक्टूबर , वर्ष  -2013 , समय - रात्रि 9 बजकर 5 मिनट 

भारत में पहली बार होने जा रही विश्व शतरंज चैंपियनशिप से मैं अपने आपको कैसे भी जोड़ना चाहता था ,मैं चाहता था की हिन्दी में भी शतरंज के बारे में वैसे ही खबरे प्रकाशित की जाये जैसी क्रिकेट के बारे में की जाती है मुझे कुछ करना था की अचानक मुझे एक तरकीब सूझी की क्या विश्व की सबसे ज्यादा पढे जाने वाली वैबसाइट चैस बेस डॉट कॉम में हिन्दी में खबरे आए तो कैसा रहेगा फिर लगा कौन हिन्दी को इतना महत्व देगा और थोड़ी देर के लिए मैंने यह विचार त्याग दिया फिर मैंने सोचा की एक बार कोशिश करके देखने में हर्ज क्या है उसी समय खत्म हुए नेशनल चेलेंजर शतरंज की अँग्रेजी भाषा की रिपोर्ट मैंने पहले ही भेजी थी तो फिर मैंने उसी के बारे में एक संक्षिप्त विवरण बनाकर फ़्रेडरिक फ्रीडेल को भेजा 

मेरा अँग्रेजी भाषा पर नियंत्रण आज भी अच्छा नहीं है तो तब तो और बुरा था  
( इसीलिए अँग्रेजी भाषा के जानकार व्याकरण के लिए माफ करेंगे ) 

मैंने लिखा की "चूंकि भारत में हिन्दी समझने वाले लोग अधिक संख्या में है इसीलिए आनंद के बारे में हिन्दी में खबरे आने से लोग इसे जरूर पढ़ेंगे इसीलिए अगर हिन्दी को भी विश्व चैंपियनशिप के लेखो में शामिल किया जाए तो यह एक शानदार प्रयोग हो सकता है । उदाहरण के लिए नेशनल चेलेंजर के लिए हिन्दी में कुछ पंक्तियाँ भेज रहा हूँ एक बार इसको देखिये "

बात आनंद से जुड़ी थी और फ़्रेडरिक का ध्यान खीचने का मुझे यही एकमात्र अवसर नजर आया ( आनंद और फ़्रेडरिक बहुत अच्छे मित्र है ) 
25 अक्टूबर 2013 की बात है रात को तकरीबन 2 बज रहे थे । मैंने कुछ उम्मीद के साथ यूं ही चैस बेस की मुख्य वेब पेज को खोला और मेरी खुशी का ठिकाना ही ना रहा
पहली बार हिन्दी में मेरा लेख अब चैस बेस पर था और मेरे लिए अपनी खुशी जताने के लिए सुबह एक और ईमेल भेजना ही एकमात्र उपाय था 
मैंने लिखा की " क्या बात है फ़्रेडरिक आप सच में एक सच्चे शतरंज प्रेमी है आपने हमारी भारतीय भाषा को चैस बेस में जगह देने में थोड़ी भी देर नहीं लगाई  बहुत -2 धन्यवाद और जैसा की मैंने उम्मीद नहीं की थी आप इतनी जल्दी इस लेख को प्रकाशित कर देंगे इसे थोड़ा सुधार कर आपको भेज रहा हूँ "
सच में फ़्रेडरिक आपके जैसे लोगो की वजह से आज यह खेल इन ऊंचाइयों को छू रहा है ! धन्यवाद 
और फिर इस तरह शुरू हुआ यह सफर हिन्दी का सफर अब मैं अपने लेखो में अँग्रेजी के साथ साथ हिन्दी को भी इस्तेमाल करने लगा और इसके बाद मेरा पहला लेख आया विषय था विश्व चैंपियनशिप के लिए आनंद को शुभकामनाए !

विश्व शतरंज चैंपियनशिप मुक़ाबला - विश्वनाथन आनंद (भारत ) -मेगनस कार्लसन (नॉर्वे ) 

और फिर शुरू हुआ विश्व चैंपियनशिप में हिन्दी के लेखो का सफर , विश्व के दिग्गज लेखको ग्रांड मास्टर डेनियल किंग और अलेजन्द्रो रमिरेज के लेखो के साथ मुझ नौसिखिये को चेसबेस में जगह मिल गयी थी मेरे लिए इससे ज्यादा सम्मान की बात क्या हो सकती थी 

मेगनस कार्लसन और विश्वनाथन आनंद के बीच हुए इस मैच नें भारतीय शतरंज जगत में एक नयी क्रांति पैदा कर दी 
फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप – दूसरा मैच भी बराबरी पर छूटा
पहले चार मैच के बाद आनंद ही का पडला भारी नजर आ रहा था हर मैच में या तो वो बेहतर थे या बराबर 
तभी अगला चक्र भारत के लिए और आनंद के प्रसंशकों के लिए एक बुरी खबर लाया और अचानक कार्लसन के समर्थन में पश्चिमी मीडिया का रुझान मैच की तरफ आ गया आज भी प्रेस रूम की वो गहमा गहमी मुझे याद है आनंद की हार की वजह से मुझे ऐसा लग रहा था की मैं लिखुंगा कैसे ये एक लेखक के तौर पर मेरी परीक्षा की घड़ी थी । 
पांचवे मैच में कार्लसन ने आनंद को किया पराजित ,3-2 से बनाई बढ़त

विश्व शतरंज चैंपियनशिप का पांचवा मैच भारत के लिए एक बुरी खबर ओर नार्वे के लिए खुशखबरी बन कर सामने आया । अपनी रणनीति को सही साबित करते हुए कार्लसन ने लगभग बराबर से लग रहे मैच में आनंद को पराजित करते हुए विश्व चैम्पियन बनने की ओर अपने कदम आगे बढ़ा दिये है । अब मौजूदा विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद किस तरह वापसी करते है इसी बात पर प्रतियोगिता का भविष्य निर्भर करेगा । कार्लसन ने आज पुनः लंबे चले एंडगेम में अपनी महारत सिद्ध करते हुए मौजूदा विश्व चैम्पियन आनंद की एक गल्ती का फायदा उठाते हुए उन्हे वापसी का कोई मौका नहीं दिया

 

[Event "FWCM 2013"]
[Site "Chennai"]
[Date "2013.11.15"]
[Round "5"]
[White "Carlsen, Magnus"]
[Black "Anand, Viswanathan"]
[Result "1-0"]
[WhiteElo "2870"]
[BlackElo "2775"]
[SetUp "1"]
[FEN "8/8/8/2pkP2R/p6p/PbK5/6PP/1B1r4 w - - 0 45"]
[PlyCount "27"]
[TimeControl "60"]

45. Bh7 {Extremely precise play is required of Black now, and Vishy loses the
thread.} Rc1+ $2 {Anand goes after the g-pawn, which isn't the correct
approach.} (45... Ra1 {was necessary immediately, and now after} 46. Bg8+ (46.
Rxh4 Rxa3 {is also drawn.}) 46... Kc6 47. Bxb3 Rxa3 48. Rxh4 Rxb3+ 49. Kc2 (49.
Kc4 $4 Rb4+ {is not recommended.}) 49... Ra3 {and Black should draw
comfortably due to superior king and pawns. Note that the e-pawn is a major
weakness. A possible line would continue} 50. Kb2 Rb3+ 51. Ka2 Re3 52. Rxa4
Re2+ 53. Kb3 Rxg2 54. h4 Kd5 $11) 46. Kb2 Rg1 47. Bg8+ Kc6 (47... Kd4 {looks
like a better attempt, but after} 48. Rxh4+ Kd3 (48... Kxe5 49. Bxb3 axb3 50.
g3 {wins for White.}) 49. Rg4 (49. Rh3+ Kd4 50. Bxb3 axb3 51. Rh4+ Kd3 {
with major counterplay.}) 49... Bxg8 50. Rxg8 Re1 51. Rd8+ Kc4 52. Rd2 {
and White ought to win with the outside pasers now that Black's 2nd rank
counterplay has stopped.}) 48. Rh6+ $1 {Precise, as he doesn't want Black to
have Kd5 after the bishop trade.} Kd7 (48... Kb5 49. Bxb3 axb3 50. Kxb3 c4+ 51.
Kc3 {is also lost.}) 49. Bxb3 axb3 50. Kxb3 Rxg2 51. Rxh4 {White's pawns are
scattered, but he is up two of them and unlike in previous lines he has a good
king!} Ke6 52. a4 {The a-pawn will become a menace very quickly.} Kxe5 53. a5
Kd6 54. Rh7 $1 {One last accurate move, and now it is over.} Kd5 55. a6 c4+ 56.
Kc3 Ra2 57. a7 Kc5 58. h4 {and Black resigned since there is no defense to
h5-h6-Rg7 and queening the pawn. Carlsen's advantage was microscopic for most
of the game and Vishy was extremely close to a draw even towards the end, but
one slip of 45... Rc1+ was enough to allow the world #1 to steal the point.}
1-0

भारत में सन्नाटा था और फिर छठा राउंड खेला गया और ये आनंद और भारत के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ 
चेन्नई भारत मे चल रही फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप मे आज एक बार फिर नार्वे के मेगनस कार्लसन ने मौजूदा विश्व चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद को लगातार दूसरे मैच में पराजित करते हुए अविश्वसनीय 4-2 की बढ़त हंसिल कर ली है। आनंद ने आज पूरी तरह दबाव में आते हुए एक के बाद एक जल्दी चालें चलते हुए कई बिना वजह गलतियाँ की और एक बार पुनः बराबर चल रहे एंडगेम को गंवा बैठे । 22 वर्षीय मेगनस कार्लसन की पाँच बार के विश्व चैम्पियन 44 वर्षीय विश्वनाथन आनंद के उपर 5 घंटे चले मुक़ाबले मे मिलीं इस दूसरी जीत ने पूरे विश्व शतरंज जगत मे खलबली मचा दी है
आनंद के ऊपर दबाव साफ दिख रहा था प्रेस वार्ता में भी वो बेहद निराश नजर आ रहे थे एक पाँच बार के विश्व विजेता के लिए यह असहनीय पल था 
अगले मैच में आनंद सफ़ेद मोहरो से थे और उन्होने शानदार हमला करते हुए जीत की उम्मीद जागा दी थी की नाकामुरा , अनीश गिरि ,एमएलवी सभी आनंद के पक्ष में ट्वीट करने लगे तभी
मैंने दुखी मन से  लिखा एक भारतीय होने के नाते चेन्नई पहुँचकर आनंद की हार अपनी आंखो के सामने देखना कोई अच्छा अनुभव नहीं था पर फिर भी यह कोई आम दिन नहीं था यह था विश्व शतरंज में एक बड़े बदलाव का दिन । अगर कोई चमत्कार ना हुआ तो पाँच बार के विश्व विजेता और मौजूदा विश्व चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद का ताज अब सिर्फ कुछ समय बाद ही नार्वे के युवा ग्रांड मास्टर मेगनस कार्लसन के सिर पर होगा। 

स्थान चेन्नई ,भारत -,मेगनस कार्लसन ,उम्र 23 वर्ष ,शानदार कद काठी ,विश्व के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी ,विश्व भर मे शानदार लोकप्रियता ,खिताब विश्व विजेता !!!

 विश्व शतरंज का परिद्र्श्य बदल चुका है भारत की शान विश्वनाथन आनंद अब पूर्व विश्व विजेता है और नया ताज अब नयी पीढ़ी के प्रतिनिधि मेगनस कार्लसन के पास है जो बने है विश्व शतरंज इतिहास के तीसरे सबसे युवा विश्व शतरंज चैम्पियन ।जैसे ही दसवें राउंड का खेल बराबरी पर छूटा पूरा का पूरा हयात होटल,चेन्नई का प्रांगण तालियो की गड़गड़ाहट मे डूब गया । मौका था विश्व शतरंज के एक नए युग के सिरमौर एक नए विश्व विजेता के आगमन का और साथ ही साथ एक युग की शुरुआत और एक युग के अंत का ।  विश्वनाथन आनंद जो की शायद इस प्रतियोगिता में अपनी अब तक की सबसे खराब लय मे नजर आए जिन्होने पिछले 25 वर्षो से भारत को शीर्ष पर रखा है और दुनिया भर मे देश को सम्मान दिलाया इस बार भले ही उम्र और प्रतिभा के आगे बेबस नजर आए पर वह बेशक खेल के महान खिलाड़ियो में हमेशा के लिए अपना स्थान पहले ही बना चुके है । 

 

और इसके साथ ही हिन्दी का सफर चैस बेस में शुरू हुआ ,मैंने सभी लेखो को एक साथ समेटने की कोशिश की है इसीलिए शायद लेख थोड़ा लंबा हो गया है क्षमा करेंगे अगले भाग में फिर मिलेंगे और विश्व चैंपियनशिप 2014 के बारे में पढ़ेंगे !

आपका दोस्त 

निकलेश जैन

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