
विश्व जूनियर:क्या भारत का 8 साल का सूखा होगा खत्म ?
03/09/2018 -भारत से अब तक बालक वर्ग में विश्वनाथन आनंद ( 1987),पेंटाला हरीकृष्णा (2004) और अभिजीत गुप्ता ( 2008) तो बालिका वर्ग में कोनेरु हम्पी (2001),हारिका द्रोणावल्ली (2008) और सौम्या स्वामीनाथन ( 2009) में विश्व जूनियर चैम्पियन रह चुके है । देखना होगा की क्या इस बार कोई भारतीय खिलाड़ी इस 8 वर्ष के सूखे को खत्म करेगा । कल से टर्की में दुनिया भर के 65 देशो से जुटे प्रतिभाशाली युवा विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियन बनने के लिए शह और मात के इस खेल में अपनी सारी ऊर्जा लगा देंगे । विश्व शतरंज को हमेशा इस चैंपियनशिप से भविष्य के कुछ बड़े खिलाड़ी मिले है ।भारत के लिए भी जिन खिलाड़ियों नें यह खिताब जीता वह आज भी भारत के सबसे ज्यादा सफल खिलाड़ियों में से एक है ।विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप को जीतने वाले बोरिस स्पासकी ,अनातोली कार्पोव ,गैरी कास्पारोव और विश्वनाथन आनंद आगे चल कर विश्व चैम्पियन भी बने। कुछ ऐसे भी रहे जो इसे जीतकर बाद में गुमनाम हो गए तो कुछ ऐसे जो विश्व चैम्पियन तो नहीं बने पर हमेशा विश्व के दिग्गज खिलड़ियों में शामिल रहे । पढे यह लेख