50 वर्ष के हुए आनंद ! भारत रत्न के है हकदार !
आज भारत के महानतम शतरंज खिलाड़ी 5 बार के क्लासिकल विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद 50 वर्ष के हो गए है । भारतीय शतरंज को आनंद नें जो कुछ दिया है वह अतुल्य है और उसकी बराबरी कभी कोई नहीं कर पाएगा । आनंद नें तब भारत का तिरंगा दुनिया के सामने लहराया जब भारत की इस क्षेत्र मे कोई उपलब्धि नहीं थी सिवाय इसके की यह खेल भारत में बना था पर आनंद नें ना सिर्फ देश को पहला शतरंज ग्रांड मास्टर दिया बल्कि विश्व जूनियर का खिताब हासिल कर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया । आज आनंद 50 वर्ष की उम्र में भी भारत के शीर्ष शतरंज खिलाड़ी है और आज भी विश्व रैंकिंग में कोई अन्य भारतीय उनके पास नहीं है । आज भी वह अपने खेल से हमें रोमांचित करते है। जी तरह शतरंज का खेल दुनिया भर के करीब 200 देशो में खेला जाता है आनंद ही एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी है जिन्हे पूरी दुनिया में जाना जाता है । तो आज एक बार फिर यह सवाल उठता है की उन्हे भारत रत्न अभी तक क्यूँ नहीं दिया गया । हमें लगता है अब वह समय आ गया है जब सभी को इसके बारे में बात करनी चाहिए और इसे एक मुहिम बनाकर विश्वनाथन आनंद को भारत रत्न मिले यह आवाज भारत सरकार को पहुंचानी चाहिए !
पद्म विभूषण विश्वनाथन आनंद जी को अब मिलना चाहिए "भारत रत्न "
आखिर क्यूँ आनंद ना सिर्फ भारत के महानतम शतरंज खिलाड़ी है बल्कि वह भारत के समस्त खेलो मे भी महानतम खिलाड़ी है।
तो क्यूँ ना उन्हे अब भारत रत्न दिया जाना चाहिए आखिर वह इसके सच्चे हकदार भी तो है ।
1- मात्र 18 वर्ष की उम्र में जब वह भारत के पहले शतरंज ग्रांडमास्टर बने तब जब शतरंज में भारत का कोई नाम नहीं था बजाए इसके की यह खेल भारत में बना ! इसे असली पहचान दी आनंद ने जब वह बने विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियन ,और उसका परिणाम आज यह है की भारत में आज 65 ग्रांड मास्टर है और देश को शतरंज का पावर हाउस कहा जाने लगा है ।
2- आनंद 5 बार विश्व चैम्पियन बने – वर्ष 2000 तेहरान में , वर्ष 2007 मेक्सिको में ,वर्ष 2008 बोन में ,वर्ष 2010 सोफिया में ,और वर्ष 2012 मॉस्को में ।
आखिरी तीन खिताब उन्होने व्लादिमीर क्रामनिक ,वेसेलीन टोपालोव और बोरिस गेलफंड को पराजित करके जीते ।
3- इतिहास में वह पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होने सभी फॉर्मेट ( नॉकआउट ,राउंड रॉबिन और मैच ) में विश्व चैंपियनशिप जीती ।
4- आनंद शतरंज इतिहास के चौंथे ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होने 2800 रेटिंग का जादुई आंकड़ा पार किया , उन्होने यह कारनामा वर्ष 2006 में किया और 21 माह तक दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी रहे ।
5- भारतीय खेल इतिहास मे सर्वश्रेष्ठ खेल पुरूष्कार जीतने वाले वह पहले खिलाड़ी बने तो पदम विभूषण पाने वाले भी वह पहले खिलाड़ी थे । इसके अलावा उन्हे अर्जुन अवार्ड ,पदम श्री ,पदम भूषण भी दिये गए ।
6- प्रतिष्ठित शतरंज ऑस्कर उन्होने रिकार्ड छह बार अपने नाम किया
7- आनंद भारत के अकेले ऐसे खिलाड़ी है जिनके नाम पर एक ग्रह का नाम रखा गया “4538 विश्य आनंद “
8- 50 वर्ष की उम्र के बावजूद अवह अभी भी दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते है और अपनी उम्र से आधे के खिलाड़ियों में गिने जाते है ,2019 में तो उन्होने अपनी विश्व रैंकिंग नंबर 6 तक पहुंचा दी थी ।
9- सबसे महत्वपूर्ण बात भले ही आनंद इतने बड़े खिलाड़ी है । शतरंज खेलने वाले 186 देशो में उन्हे बेहद सम्मान की नजरों से देखा जाता है पर आज भी उनका स्वभाव बेहद ही विनम्र और आत्मीय होता है और किसी भी खेल के लिए वह आदर्श रोल मॉडल है ।
10- उनका मानवीय पक्ष भी तब खूब उभर के सामने आया था जब उन्होने कुछ वर्ष पूर्व बाढ़ पीड़ितों के लिए चेन्नई स्थित अपना आवास खोल दिया था और पीड़ितों के रहने ओर भोजन की व्यवस्था की थी ।
तो आज भारत का हर शतरंज और खेल प्रेमी यह मांग करता है है की उन्हे भारत रत्न दिया जाना चाहिए आपको क्या लगता है ?
आनंद को उनके 50वे जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाए ! #chess #chessbaseindia #vishyanand50
“आनंद को मिले भारत रत्न “
आनंद के
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कल आनंद द्वारा लिखी किताब माइंड मास्टर भी अनावरण की जा रही है